कुछ चीजें जो मुझको न हांसील न गुम,
एक मक़सद एक ज़रिया एक मंज़िल और तुम।
ज़रूरी है बारिश बनाने के पहले,
एक सूरज एक दरिया एक बादल और तुम।
जो मिल जाए पारियां भी आकर सवर लें,
एक बिंदी एक लाली एक काजल और तुम।
जो मुझको समझते वो दुनिया में बस हैं,
एक मुर्शीद एक शायर एक पागल और तुम।
वो जिनके ही आगे ये दुनिया झुकेगी,
एक हाफ़िज़ एक आमिर एक आकिल और तुम।
गला के बनाया जहां भर का चांदी, एक मीना एक बिछुआ एक पायल और तुम।
मैं आंखो में भर कर भी छू भर ना पाऊं,
ये चंदा ये तारे ये साहिल और तुम।
साज़ाएं मुकर्रर कराने कि ज़िद पे,
एक काफिर एक आकिब एक आदिल और तुम ।
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