ओह दोस्त आ बैठ , रात अभी बाक़ी है
ओह साकी आ बैठ, जाम अभी बाकी है ।
जहां में गमो का हिसाब रखते सब है
लेकिन खुशियों का हिसाब करना अभी बाकी हैं।
इश्क कई बार लड़ाया हैं मैंने
मानता हूं कि निभाना अभी बाकी हैं।
हिम्मत जुटाने आओ चलो मै- कदें जा रहा हूं
दरअसल वो खत उसे भेजना अभी बाकी हैं।
अभी तो सिर्फ दो गज़ चला हूं इस ज़िंदगी मे
फलक के टूटते सितारों के साथ दौड़ना अभी बाकी हैं।
ख्वाबों के कंबल ओढ़े, सोने कि कोशिश करता
उठाते रहते हैं अरमान , केहते कि रात अभी बाकी हैं।
ऐ ज़िंदगी दूर रेह, इधर मत आ अभी
मुझे अपनी मंज़िल हासिल करना अभी बाकी हैं ।
किसी को कहा इतनी फुरसत जो पहचाने ये अल्फ़ाज़
शायद यह अफसाना मुझे बेचना अभी बाकी हैं।
ये ज़माने से जो कर्ज़ उठाए हैं तूने ए ' कैफ'
सब्र कर, चुकाने की मोहलत अभी बाकी हैं ।
~ कैफ

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